60 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैदजेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी
7 वर्ष पूर्व युवती के साथ हुए दुष्कर्म का मामला
अर्थदंड की धनराशि में से 40 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगीसोनभद्र। सात वर्ष पूर्व युवती के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / एफटीसी/सीएडब्ल्यू सोनभद्र आबिद शमीम की अदालत ने शनिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी बाल्मिकी को 7 वर्ष की कैद एवं 60 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 40 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक चोपन थाना क्षेत्र के एक गांव की पीड़ित युवती ने 9 सितंबर 2016 को चोपन थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि चोपन थाना क्षेत्र के कनछ गांव निवासी बाल्मिकी पुत्र शिवलाल जो प्रधान का बेटा है ने उसके साथ जबरन बलात्कार किया। विरोध करने पर शादी करने का झांसा देकर दो साल से शारीरिक संबंध बनाता चला आ रहा है। जब शादी करने की बात आई तो उसने इनकार कर दिया और यह कहने लगा कि जो तुम्हे करना हो जाओ करो। मेरे पिता प्रधान हैं सब देख लेंगे। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। विवेचना के दौरान विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी बाल्मिकी को 7 वर्ष की कैद एवं 60 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 40 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष लोक अभियोजक सत्य प्रकाश त्रिपाठी(सरकारी वकील) ने बहस की।