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विद्युत अभियन्ता संघ का ओबरा में क्षेत्रीय सम्मेलन सम्पन्न
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मैन,मैटेरियल एवं मनी की कमी बनी परेशानी
सोनभद्र। यूपी के ओबरा में विद्युत अभियंताओं को क्षेत्रों में कार्य करने में आ रही व्यावहारिक कठिनाईयों से रूबरू होकर प्रबंधन से उनके सार्थक निराकरण हेतु प्रबंधन से इनके सार्थक निराकरण हेतु संवाद करने तथा संगठनात्मक गतिविधियों में गति लाने को अभियन्ता संघ द्वारा जारी प्रदेशव्यापी कार्यक्रम के तहत ओबरा में वीआईपी गेस्ट हाउस के सभागार में क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया।जिसमें ओबरा-पिपरी क्षेत्र के सैकड़ों अभियन्ता शामिल हुए।
क्षेत्रीय सम्मेलन में अभियंताओं ने प्रमुख रूप से मैन, मैटेरियल एवं मनी की कमी के कारण बेहतर विद्युत उत्पादन व अन्य सुविधाओं में आ रही व्यावहारिक कठिनाईयों पर केंद्रीय पदाधिकारियों एवं प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कराया।साथ ही अभियंताओं की तमाम ज्वलंत समस्यायों के निराकरण न होने एवं ऊर्जा निगमों में गैर तकनीकी प्रबंधन द्वारा मनमाने ढंग से छोटी छोटी बातों पर दण्डात्मक कार्यवाही करने जैसी बढ़ती नकारात्मक व उत्पीड़नात्मक कार्यप्रणाली से मिल रहे अत्यधिक मानसिक तनाव से अभियन्ताओं ने आक्रोष व्यक्त किया। क्षेत्रीय सम्मेलन में विद्युत अभियन्ता संघ के केन्द्रीय महासचिव इं प्रभात सिंह,केंद्रीय प्रचार सचिव आलोक श्रीवास्तव, केंद्रीय उपाध्यक्ष इं बीएन सिंह, केंद्रीय सहायक सचिव इं अदालत वर्मा तथा ओबरा-पिपरी क्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव इं अंकित प्रकाश एवं अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।
क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में विद्युत अभियन्ता संघ के महासचिव प्रभात सिंह ने ऊर्जा निगमों एवं अभियन्ताओं के समक्ष चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व व ऊर्जा मंत्री पंडित श्रीकांत शर्मा के मार्गदर्शन में अधिक से अधिक बिजली उत्पादन व वितरण कर बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करते हुए प्रदेश की जनता को 24 घण्टे गुणवत्तापूर्ण अनवरत बिजली उपलब्ध कराये जाने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने अभियन्ता संवर्ग के सामने आ रही चुनौतियों एवं उनसे निपटने की रणनीति पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने आगे बताया कि अधिशासी अभियन्ता के रिक्त लगभग 100 पदों पर पदोन्नतियां नहीं की जा रही और निर्माणाधीन परियोजनाओं व मुख्यालय के इकाईयों के सापेक्ष नए पदों का सृजन नहीं किया जा रहा है। जबकि सभी ऊर्जा निगमों में अभियंताओं के काफी पदों की आवश्यकता है व अन्य रिक्त पदों पर भी पदोन्नतियां नहीं की जा रही हैं।यह अत्यंत ही चिन्ताजनक है।इसके विपरीत सेवा शर्तों को कमतर किये जाने की कोशिश जारी है।अन्य केंद्रीय पदाधिकारियों में इं बीएन सिंह व आलोक श्रीवास्तव व अदालत वर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश के बिजली अभियन्ता प्रदेश सरकार के ‘सबको बिजली हरदम बिजली’ के संकल्प को पूरा करने में जी-जान से दिन-रात जुटे हुए हैं। बिजली अभियन्ताओं द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों एवं उपलब्धियों का प्रबन्धन द्वारा कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जा रहा है और अप्रैल 2020 से उत्पादन प्रोत्साहन भत्ते का भुगतान भी लम्बित है।उत्पादन निगम में भत्तों के पुनरीक्षण कई वर्षों से लंबित है।परियोजना में संसाधनों/सामग्री की भारी कमी है व परिचालन एवं अनुरक्षण बजट में कटौती से अनुरक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहे हैं।हॉस्पिटल में विशेषज्ञ चिकित्सकों व मेडिकल स्टाफ,दवाईयों व अन्य संशाधनों की भारी कमी है।इन तमाम परिस्थियों के बावजूद भी परियोजना में कार्यरत समस्त अभियन्ता प्रदेश को निर्बाध विद्युत उत्पादन के लिए व ऊर्जा निगमो को आत्मनिर्भर बनाने हेतु संकल्पबद्ध हैं। महासचिव प्रभात सिंह ने अपने समापन सम्बोधन में कहा कि ‘संवाद से समाधान’ के मंत्र का पालन करते हुए ऊर्जा निगम प्रबन्धन से वार्ता कर बिजली अभियन्ताओं एवं प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं की व्यवहारिक समस्याओं के सार्थक एवं त्वरित निराकरण के लगातार प्रयास किये जा रहे है परन्तु प्रबन्धन द्वारा अभियन्ताओं को प्रताड़ित ही किया जा रहा है जिससे सभी अभियन्ता अत्यन्त मानसिक तनाव में हैं परन्तु विचलित कतई नहीं हैं जिसका हरसम्भव प्रतिकार किया जायेगा। अध्यक्षता इं जीके मिश्र तथा संचालन इं मनोज यादव ने किया।
सम्मेलन में ओबरा तापीय परियोजना के सीजीएम इं दीपक कुमार, जीएम ओबरा सी पीसी अग्रवाल, जीएम सिविल एके श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता एके राय, राजकुमार गुप्ता,एके पांडेय, डीके सिंह, एचके गुप्ता, आरके सिंह, निखिल चतुर्वेदी, नेमीचंद, सुरेश, अनपरा के क्षेत्रीय सचिव रोहित राय, अधिशासी अभियंता अवधेश सिंह, सुजीत सिंह, आरके सिंह, बाल मुकुंद यादव, संदीप रजक,बमनीष तिवारी, असीम कुमार, अभिषेक बरनवाल, सीपी चौरसिया,नवीन मिश्र, धीरज वर्मा, संजय सिंह, पीयूष प्रताप सिंह, एमए खान, राजेश गुप्ता, जीके सिंह, एनपी सिंह, सचिन गुप्ता, पवन वर्मा, अजय यादव, संतोष पांडेय, अरविंद कुमार, सुभाष चंद्र, निरंजन कुमार, सतीश सिंह, विवेक गुप्ता आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।